हजरत यूसुफ अली सलाम का वाकया_हजरत यूसुफ अलैहिस्सलाम का वाकया क्या है


अस्सलाम वालेकुम मेरे प्यारे भाइयों और बहनों आज मैं आपको ऐसी इंफॉर्मेशन देने जा रहा हूं हजरत यूसुफ की दरगाह कहां है हजरत यूसुफ अलैहिस्सलाम की दरगाह कहां है हजरत यूसुफ कौन थे हजरत यूसुफ किसके बेटे थे आइए जानते हैं इस आर्टिकल के माध्यम से आपको पूरी इंफॉर्मेशन ठीक ही मिलेगी आप इस आर्टिकल को जरूर पूरा पढ़ें


हजरत यूसुफ़ अलैहिस्सलाम कौन थे 

हज़रत यूसुफ अलैहिस्सलाम [Hazrat Yusuf Alaihis salam] के पैगंबर हजरत याकूब अलैहिस्सलाम के सबसे चहीते बेटे और हजरत इब्राहिम अलैहि सलाम के पड़पोते हैंहजरत यूसुफ़ को शरफ हासिल है कि वह ख़ुद नबी, उनके वालिद नबी, उनके दादा नबी और परदादा हज़रत इब्राहीम अबुल अंबिया [नबियों के बाप] हैं कुरान में हज़रत यूसुफ़ के वक्ये को बयान करने के लिए एक सूरः [सूर यूसुफ़] भी मौजूद है जिसमें दुनिया के लिए दर्स और इबरत है।

हजरत यूसुफ अली सलाम का वाकया_हजरत यूसुफ अलैहिस्सलाम का वाकया क्या है

हजरत यूसुफ अलैहिस्सलाम के कितने भाई थे

कुराने करीम में हजरत युसूफ अलैहिस्सलाम के वाक्ये को अहसनुल कसस यानि तमाम किस्सों में सबसे अच्छा किस्सा बतलाया गया है आप अल्लाह के नबी हजरत याकूब अलैहिस्सलाम के सबसे चहेते बेटे थे आपके कुल 11 भाई थे, जिसमें एक सगा भाई और बाकी सभी सौतेले भाई थे अल्लाह ने आपको ख्वाबों की ताबीरों का इल्म अता फरमाया था जब आप छोटे थे तो आपने एक ख्वाब देखा कि 11 सितारे और चांद और सूरज आपको सजदा कर रहे हैं जिसे आपने अपने वालिदे मोहतरम को बतलाया तो उन्होंने उन्हें इस ख्वाब को भाइयों से बतलाने से मना किया मगर जब ये बात भाइयों को मालूम हुई और जब उन्होंने देखा की युसूफ अलैहिस्सलाम को उनके वालिद बहुत चाहते हैं तो उन्होंने युसूफ अलैहिस्सलाम को मारने की गरज से जंगल ले गए और एक गहरे कुएं में फेंक दिए, और युसूफ अलैहिस्सलाम के सगे भाई को भी डराया कि अगर उन्होंने वालिद को बतलाया तो वो उसे भी मार देंगे, उन भाइयों ने युसूफ अलैहिस्सलाम के कुर्ते में बकरी का खून लगाकर अपने वालिद को बतलाया कि एक भेड़िये ने उन्हें मार कर जंगल में ले गया हजरत याकूब अपने बेटों के फरेब और मक्र को समझ गए और फरमाया बड़ा ही चालाक भेड़िया रहा होगा, जिसने युसूफ को मार दिया और कुर्ता भी नहीं फटा कहकर वे रोने लगे बेटे के गम में वे इतना रोये कि उनकी आंखों की बिनाई (रोशनी) भी चली गई। 'युसूफ अलैहिस्सलाम को रोज उनके सौतले भाई आकर देखते कि कहीं वो कुएं से बाहर तो नहीं आ गए। मगर अल्लाह ने आपको बचा लिया और आप इस कुएं में तीन दिनों तक रहे तभी मिस्र की तरफ जाने वाला एक काफिला उधर से गुजरा और उसमें से एक शख्स ने जब इस कुएं को देखा तो डोल डालकर पानी निकालना चाहा तो उस डोल की मदद से आप कुएं से बाहर आ गए आपके भाइयों को जब मालूम हुआ तो उन्होंने कहा कि ये हमारा भागा हुआ गुलाम है। और फिर उन्होंने उन्हें 20 दिरहम में उन काफिले वालों के पास बेच दिया ||


अज़ीज़ ए मिस्र की बीवी का फरेब 

अज़ीज़ ए मिस्र के घर हज़रत युसूफ अलैहिस्सलाम पले-बड़े और जवान हुए  आप अलैहिस्सलाम बचपन से ही बड़े पाकीज़ा और आला अखलाक़ वाले थे आप बेहद हसीन व जमील थे अजीज़े मिस्र की बीवी ने जब आपके हुस्न को देखा तो आपको बहलाने और फुसलाने की कोशिश किया करती थी || एक रोज़ अज़ीज़ ए मिस्र की बीवी ने सारे दरवाज़े बंद कर दिये और बनो_सिंगार से साथ आप अलैहिस्सलाम को बहलाने लगी और बदकारी के लिए उकसाने लगी युसूफ अलैहिस्सलाम ने कहा_अल्लाह की पनाह ये कभी नहीं हो सकता के मैं अपने मालिक की बीवी से बदकारी करूं के उसने मुझे बेटा की तरह पाला है  आपने फ़ौरन इनकार कर दिया ||

जब युसूफ अलैहिस्सलाम वहां से दरवाज़े की तरफ भागने लगे तो पीछे से अज़ीज़ ए मिस्र की बीवी ने उन्हें पकड़ने लगी और इसी में युसूफ अलैहिस्सलाम का कुरता पीछे से फट गई  दरवाज़े पर अजीज़े मिस्र उन्हें मिला | अजीज़े मिस्र को देखते ही उसकी बीवी बोली – जो शख्स तुम्हारी बीवी से बुरा इरादा करे तो उसके लिए क्या सज़ा है और खुद ही कहने लगी के इसे क़ैद खाने में बंद कर दो युसूफ (अलैहिस्सलाम)  ने कहा_ये औरत ही मुझे फुसला रही थी  फिर वही मौजूद किसी ने कहा के अगर कुरता आगे से फटी है तो उसुफ़ (अलैहिस्सलाम)  झूठे हैं और अगर पीछे से फटी हो तो औरत झूठी है| चुनांचे जब अजीज़े मिस्र ने देखा के कुरता पीछे से फटी है तो कहने लगा ये तो यकीनन औरत का मकरो फरेब है और कहा_ए औरत तू अपने गुनाह से तौबा कर 

मिस्र की औरतों का ऊँगली काटना क्या है

ये खबर पुरे शहर में फ़ैल गई और अजीज़े मिस्र की बीवी को  तरह–तरह की बातें कहने  लगे | जब ये बात अजीज़े मिस्र की बीवी को मालूम हुआ तो उसने एक दावत का इंतज़ाम किया और मिस्र के तमाम औरतों को दावत पर बुलाया दावत का दिन आया अजीज़े मिस्र की बीवी ने सबको एक बर्तन जिसमे फल था,थमा दिया और साथ ही एक छुरी भी दिया और युसूफ अलैहिस्सलाम को सारे मजमे के सामने बुलाया जब युसूफ (अलैहिस्सलाम) तशरीफ़ लाये तो सारी औरतों ने फल के बजाये अपने हाथ काट लिए और उनको कोई अहसास भी न हुआ और कहने लगीं_ये इंसान नहीं ये तो कोई बुज़ुर्ग फ़रिश्ता है  वो सारी औरतें आप अलैहिस्सलाम  पर दीवाना हो गाईं  ये सब देख कर युसूफ अलैहिस्सलाम  ने अल्लाह तआला से दुआ किया_ ए मेरे रब  जिस बात के लिए ये औरतें मुझे बुला रहीं हैं इससे बेहतर मेरे लिए कैद खाना है और अगर तूने इनका मकरो फरेब दूर नहीं किया तो मैं इनके तरफ माएल हो जाऊंगा और नादानों में जा मिलूंगा 

युसूफ अलैहिस्सलाम का जेल जाना और खवाब की ताबीर 

हालात को बेकाबू देखकर अजीज़े मिस्र ने आपस में ये मशवरा किया के युसूफ अलैहिस्सलाम को जेल में डाल दिया जाये चुनांचे आप अलैहिस्सलाम जेल में पहुंच गए  जेल में आप के साथ दो और नौजवान भी थे एक दिन वो दोनों नौजवानों ने ख्वाब देखा चूंके वो  दोनों नौजवान आपके साथ रहकर  ये जान गए थे के आप अलैहिस्सलाम  बहुत नेक और बेहतरीन इंसान हैं आपके पास आये और अपनी खवाबों के बारे में बताया एक ने कहा- मैंने खवाब में अपने आपको शराब निचोड़ते हुए देखा है और दुसरे ने कहा_मैंने आपने आप को देखा के अपने सर पर रोटी उठाए हुए हूँ जिसे परिंदे खा रहे हैं  युसूफ अलैहिस्सलाम ने उनको दीन की दावत दी और (अल्लाह की फ़ज़ल से ) आप ने  ख़वाब की ताबीर बताई के एक तो बादशाह को शराब पिलाने पर मुक़रर होगा और दुसरे को सूली दिया जायेगा और परिंदे उसको नोच नोच कर खायेंगे  युसूफ अलैहिस्सलाम  ने पहले नौजवान से कहा_जब तुम रिहा हो जाओ तो अपने बादशाह से मेरे बारे में भी ज़िक्र करना लेकिन उसे  शैतान ने उसको बादशाह से ज़िक्र करने से भुला दिया और हज़रत हुसुफ़ अलैहिस्सलाम कई साल तक जेल में रहे ||


बादशाह का ख्व़ाब और युसूफ अलैहिस्सलाम की रिहाई 

अज़ीज़ ए मिस्र की बीवी का फरेब

कुछ अरसे बाद मिस्र के बादशाह को ख़वाब आया के सात मोटी गायें हैं जो साथ दुबली पतली लागर गायों को खा रहीं हैं और सात हरी बालियाँ हैं और साथ खुश्क बालियाँ ये खवाब बादशाह को परेशान कर रही थी बादशाह ने अपने दरबारियों से खवाब की ताबीर मालूम की तो सब ने इनकार कर दिया वो शख्स जो बादशाह के यहाँ शराब पिलाने पर मुक़रर था अचानक उसे युसूफ अलैहिस्सलाम याद आये और उसने बादशाह से कहा मुझे कुछ मोहलत दे दो ताके मैं खवाब की ताबीर बता सकूँ  उस शख्स ने जेल आकर युसूफ अलैहिस्सलाम से खवाब की ताबीर पूछी तो युसूफ अलैहिस्सलाम के खवाब की ताबीर बताई के_मुसलसल सात साल तक गल्लों में खूब इजाफा होगा और तुम अपने ज़रूरत के हिसाब से खर्च करना और बाकी बालियों समेत रहने देना क्यूंकि उसके बाद सात साल नेहायत क़हद के आयेंगे वो उस गल्ले को खा जायेंगे जो तुमने ज़खीरा रहा था उस शख्स ने बादशाह को सारी बात बताई, बादशाह ने युसूफ  अली सलाम को अपने पास बुलाने के लिए कासिद भेजा कासिद ने युसूफ अलैहिस्सलाम को बादशाह का पैग़ाम पहुँचाया लेकिन युसूफ अली सलाम ये कासिद से कहा के मैं तभी बाहर निकलूंगा जब तक उन औरतों के मामले की हकीक़त वाजेह न हो हाए  जिन्होंने इलज़ाम लगाकर जेल में डाला था ||

बादशाह ने उन औरतों को बुलाकर क़िस्सा मालूम किया उस सारी औरतों ने कहा_युसूफ  अली सलाम सच्चे और बेकसूर हैं और हम ही उनपर आशिक़ थी बादशाह ने युसूफ अली सलाम का बड़ा इकराम और अहतराम किया और आप को अपने मुल्क का वज़ीरे खज़ाने मुक़रर कर दिया और आप को तमाम अख्तियारात दे दिया ||

युसूफ अली सलाम का अपने भाइयों से मुलाक़ात 

पहले के सात साल गल्लों में खूब अज़ाफा हुआ  हज़रत युसूफ अली सलाम ने एक हिसाब से गल्लों का इस्तेमाल किया  फिर सात साल बाद क़हद साली का दौर आया सुखा पड़ने लगा आस पास के इलाकों में गल्ला ख़तम होने लगा चूंके हज़रत युसूफ अली सलाम ने सिर्फ ज़रूरत के हिसाब से ही गल्ला इस्तमाल किया था तो आपके पास गल्लों का एक ज़खीरा मौजूद था आस पास के इलाकों में जब गल्लों की कमी होने लगी तो वहां के लोग युसूफ अलैहिस्सलाम  के पास गल्ला लेने के लिए आने लगे  युसूफ अलैहिस्सलाम के भाईयों का भी गल्ला ख़तम हो गया तो उनहोंने मिस्र जाने का फैसला किया जब युसूफ अलैहिस्सलाम ने भाई उनके पास आये तो युसूफअलैहिस्सलाम ने उनको पहचान लिया लेकिन उन भाइयों ने आपको नहीं पहचाना युसूफ अलैहिस्सलाम  ने पूछा तुम कौन हो और कहां से आये हो और तुम्हारे वालिद कौन हैं और ये भी पूछा के तुम्हारे कितने भाई हैं कोई भाई छुट तो नहीं गया वगैरह युसूफ अलैहिस्सलाम ने कहा के तुम अपने उस भाई को भी ले आना जो तुम्हारे वालिद के पास है ताकि तुम्हे और गल्ला दे सकूँ युसूफ अलैहिस्सलाम  ने उनसे रक़म जो उन्होंने दिया था वो उनके बोरियों रखवा दिया ताके वो दोबारा आ सके ||

हजरत युसूफअलैहिस्सलाम और बिन्यमीन की मुलाक़ात 

गल्ला ले कर युसूफ अलैहिस्सलाम  के भाई घर पहुंचे और अपने वालिद से कहा के एक बोरी गल्ला और ला सकते थे अगर हम बिन्यमीन को भी साथ ले जाते और जो सरमाया दिया था उसे भी लौटा दिया गया, क्या ही अच्छा होता के आप हमारे साथ बिन्यमीन को भेज दें हम उसका पूरा ख़याल रखेगे याकूब अलैहिस्सलाम ने पहले मना किया लेकिन बहुत इसरार करने पर और आप ने इस कौल व करार पर के तुम इसको वापस मेरे पास ले आओगे इज़ाज़त दे दी  युसूफ अलैहिस्सलामने बिन्यमीन को अपने पास बुलाया और गले लगा लिया और आप अलैहिस्सलाम ने कहा में तुम्हारा भाई युसूफ हूँ अगले दिन महल ये बात मशहूर हो गई के एक शाही प्याला चोरी हो गया और जिसके पास ये प्याला मिला उसको गिरफ्तार करेंगे युसूफ अलैहिस्सलाम ने बिन्यमीन के बोरी में वह प्याला रखवा दिया था  तलाशी लेने पर वह प्याला बिन्यमीन के सामान से निकला युसूफ (अ०स०) के  भाइयों ने बहुत मिन्नतें की के इसका बाप बहुत बुढा है और हम में से ही इसके बदले गिरफ्तार कर लीजिये लेकिन युसूफ अलैहिस्सलाम ने मन कर दिया ||


हजरत युसूफ और युकूब अलैहिस्सलाम की मुलाक़ात 

युसूफ अलैहिस्सलाम  के भाई वापस आके अपने वालिद से ये सारा क़िस्सा सुनाया तो याकूब अलैहिस्सलाम  ने कहा_अब सब्र ही मेरे लिए बेहतर हैं  जब गल्ला खत्म हो गया तो फिर थोड़ी क़ीमत लेकर युसूफ अलैहिस्सलाम  के पास पहुंचे और कहने लगे_हमारे पास थोड़ी क़ीमत है आप हमें पूरा गल्ला दें और आप बहुत नेक सीरत हैं 

युसूफ अलैहिस्सलाम  ने अपने भाइयों को बिला ताखीर अपने बारे में बताया के मैं वही युसूफ हूँ जिनको तुमने कुंवे में फ़ेक दिया था | उन्होंने कहा क्या तू वाकई युसूफ है, आप अलैहिस्सलाम  ने कहा –हाँ मैं ही युसूफ हूँ| वो सब भाई अपने उस फेल पर अफ़सोस किया युसूफ अलैहिस्सलाम ने अपना कुरता दिया और कहा_इसको मेरे वालिद के मुह पर रख दो वो देखने लगेंगे और अपने खानदान को मेरे पास ले आओ  चुनांचे वो कुरता लेकर वापस हुए और याकूब अलैहिस्सलाम  के मुह पर रखा तो उनकी बीनाई वापस आ गई  युसूफ (अ०स०) के भाइयों ने अपने वालिद से कहा_के आप मेरे लिए अल्लाह तआला से बख्शीश की दुआ करिये फिर सारा खानदान युसूफ (अ०स०) के पास आ गया आप अलैहिस्सलाम ने अपने माँ बाप को अपने पास बैठाया ||



मैं उम्मीद करता हूं यह जानकारी आपको कैसी लगी अच्छी लगी हो तो दोस्तों और रिश्तेदारों में शेयर करना ना भूलें और दोस्तों कमेंट करना भी ना भूलें दोस्तों लिखने में या टाइपिंग में गलती हो गई है तो माफ करना खुदा हाफिज




Post a Comment