तहज्जुद की नमाज़ कितनी रकत पढ़ना चाहिए_तहज्जुद की नमाज़ सुन्नत है या नफील
अस्सलाम वालेकुम मेरे इस्लामी भाई आज मैं आपको ऐसे इंफॉर्मेशन देने जा रहा हूं जिसे आप ज्यादातर सर्च कर रहे होगे कि तहज्जुद की नमाज में सुन्नत पढ़ी जाती है या नफील पढ़ते हैं तहज्जुद की नमाज कितनी रकात होती है आइए जानते हैं तहज्जुद की नमाज़ का तरीका हर मुसलमान को सीखना और पढना चाहिए क्युकी इस नमाज़ को अल्लाह ता’अला बहुत पसंद करते है और इसकी फज़ीलत और बरकत बहुत ही ज्यादा है। अगर आप किसी भी परेशानी और मुसीबत में मुब्तला है या किसी भी काम में निर्णय लेना है तो पहले तहज्जुद की नमाज़ पढ़ कर फिर दुआ मांगने तो जरुर दुआ कबूल होगा।
तहज्जुद की नमाज़ का तरीका फॉर लेडीज
अगर दोस्तों आप तहज्जूद की नमाज़ का तरीका ढूंढ रहे हैं तो आप ठीक जगह आए हैं आपको पूरी जानकारी इसके अंदर मिल जाएगी तहज्जुद की नमाज किस तरह से अदा की जाती है तहज्जुद की नमाज़ मैं कौन-कौन सी सूरत पढ़ी जाती है तहज्जुद की नमाज़ का तरीका क्या है तहज्जुद की नमाज कैसे अदा करें तहज्जुद की नमाज़ औरतें किस तरह से अदा करें औरतें तहज्जुद की नमाज़ कैसे पढ़े लेडीस की नमाज किस तरह से अदा करें तहज्जुद की नमाज़ में क्या पढ़ा जाता है तहज्जुद की नमाज में कितनी रकात है तहज्जुद की नमाज की नियत क्या है साजिद की नमाज़ का तरीका तहज्जुद की नमाज की दुआ तहज्जुद की नमाज़ का फायदे तहज्जुद की नमाज़ का टाइम आइए जानते हैं।
तहज्जुद की नमाज़ का टाइम हिंदी में
किसी भी नमाज़ समय अलग अलग होता है चाहे फ़र्ज़, सुन्नत, नफिल, या तहज्जुद की नमाज़ सभी का टाइम अलग अलग होता है। अगर आप टाइम के अंदर पढ़ते है तो आपको ज्यादा से ज्यादा सवाब मिलता है। आप ईशा की नमाज़ पढ़कर सो Sleep जाए और जब आपकी नींद खोले तो तहज्जुद की नमाज़ का टाइम स्टार्ट होता है और सुबह सादिक तक होता है। वैसे तहज्जुद का टाइम रात 11 से 12 बजे से शुरू हो जाता है। सबसे अच्छा समय ये है की रात में जब आपकी नींद खोले तो उसी वक़्त वजू करके नमाज़ अदा करे। बेहतर है फज़र की अज़ान से पहले 1 घंटे या 1.5 ही नमाज़ अदा करे।
तहज्जुद की नमाज में कितनी रकात होती है
Tahajjud Ki Namaz Ki Rakat_जानने से पहले आपको ये जानना होगा की हमारे नबी मुहम्मद मुस्तफा सल्लाहू अलैहे वसल्लम कितनी rakat पढ़ा करते थे तो हमारे नबी 8 रकात की तहज्जुद नमाज पढ़ते थे, या फिर कभी कभी 12 रकात की भी पढ़ लेते थें तहज्जुद की नमाज़ 2 रकात से शुरू होकर 12 रकात तक होती है और आप 2_2 रकात करके पूरी नमाज़ पूरी कर सकते है। अगर कोई शख्स तहज्जुद की नमाज पढ़ रहा हो और इसी दौरान फज्र की अज़ान हो जाये या किसी और तरह से ये पता चले कि सुबह सादिक हो गई है तो ऐसी सूरत में अपनी नमाज़ पूरी कर ले अबू हुरैरा (रजि.) से रिवायत है कि नबी (स.अ.व) ने इर्शाद फरमाया : फर्ज़ की नमाज के बाद सबसे अफजल नमाज दरमियान रात वाली नमाज है।
Tahajjud ki Namaz ka Tarika_तहज्जूद की नमाज़ का तरीका
Tahajjud ki Namaz Padhne ka Tarika_का कोई नया तरीका नहीं है जिस तरह से फज़र से ईशा तक की नमाज़ पढ़ते है उसी तरह से तहज्जुद की भी नमाज़ पढ़ना होता है अपको सिर्फ नियत और rakat में फर्क देखने को मिलेगा मतलब तहज्जुद की नमाज़ और नमाजो की तरह इसका नियत अलग होता है। और दो-दो रकातें करके नमाज पढ़नी है जब आप रात को नींद से जग जाए तो अगर आप बा वजू है तो नमाज़ पढने की तैयारी करे और अगर वजू नहीं है तो बेहतर और इत्मीनान से वजू करे।
Tahajjud ki Namaz ki Niyat क्या है
दोस्तों जैसा कि हम जानतेे हैं कि हर नमाज की नियत होती है और नियत से ही नमाज शुरु होती है; उसी तरह tahajjud ki namaz ki niyat भी है, जिससे हम इस नमाज़ की नियत के साथ शुरू करते हैं।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि तहज्जुद एक नफल नमाज है, तो इसकी नियत नफल नमाज़ों की तरह होगी:तो तहज्जुद की नमाज की नियत आपको नीचे लिखे तरीके से करनी है।
नियत में करता हूं 2 रकात नमाज नफल तहज्जुद की वास्ते अल्लाह-त-आला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ” अल्लाह हू अकबर कहकर हाथों को बांध लें
नियत करने के अपने दोनों हाथो के उंगुलियो को अपने कानो के लॉ तक लाना है फिर दोनों हाथो को नाफ के निचे बांध लेना है फिर सना पढ़ना है।
सबसे पहले आप सना पढ़ें यानि “सुबहानका अल्लाहुम्मा व बिहम्दीका व तबारका इस्मुका व त’आला जद्दुका वाला इलाहा गैरुका”
दूसरा ताउज पढ़ें यानि के आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम पढ़ें सूरह फातिहा पढ़ें यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें क़ुरान शरीफ की कोई एक सूरह पढ़ें।
उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाएँ रुकू में जाने के बाद कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें
फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक मर्तबा रब्बना लकल हम्द भी कहें
मैं उम्मीद करता हूं यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी तो दोस्तों में रिश्तेदारों में शेयर करना ना भूले और कमेंट भी ना कर ना भूलें दोस्तों लिखने में या टाइपिंग में गलती हो गई है तो माफ करना खुदा हाफिज
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