तहज्जुद की नमाज़ कितनी रकत होती है? 2022 Tahazzud Ki Nawaz Ka Tarika Hindi Mein 2022

अस्सलाम वालेकुम मेरे इस्लामी भाइयों आज आपको तहज्जूद की नमाज के तरीके और टाइम टेबल बताने वाला हूं हिंदी में आइए जानते हैं तहज्जुद की नमाज कितनी रकात होती है तहज्जुद की नमाज़ के तरीके हिंदी में तहज्जुद की नमाज में क्या पढ़ा जाता है इस आर्टिकल में पूरा बता दिया जाएगा ध्यान से पढ़ें।
तहज्जुद की नमाज़ कितनी रकत होती है? 2022 Tahazzud Ki Nawaz Ka Tarika Hindi Mein 2022

तहज्जुद की नमाज कितनी रकात पढ़ना चाहिए?

Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika__ ईशा की नमाज के बाद से लेकर फज्र का वक्त शुरू होने से पहले तक किसी भी वक्त सो कर उठने और नफ्ल नमाज पढ़ने को तहज्जुद कहते हैं । जब कोई इंसान ईशा पढ़ कर सोता है और रात के किसी भी समय उठता है, तो यह तहज्जुद का समय होता है और इसके लिए सबसे अच्छा वक़्त रात का आखिरी तीसरा पहर होता है। तहज्जुद् की नमाज़ नफल नमाज़ मे सबसे अफजल नमाज़ है।
नमाज ए तहज्जुद का अफजल वक्त रात का आखिरी हिस्सा है। इसमे कम से कम 2 रकात और ज्यादा से ज्यादा 8 रकात या 12 रकात अदा की जाती है।  (सही बुखारी।)

रात के आखिरी पहर अल्लाह आसमानी दुनिया पर आते है और फरमाते है। है कोई दुआ मांगने वाला जिसकी दुआ मे कबूल करू।
कोई है जो अपनी गुनाह के लिए मांगी मांगे
कोई है जो मुझ से सवाल करे और मै उसे अता करू।
हम लोगो मे से कितने लोग इस पुकार का फायदा उठाते है? फ़र्ज़ नमाज़ के बाद अगर कोई अफजल नमाज़ है। तो वो है रात के आखिरी पहर मे पढ़ी जाने वाली नफल नमाज़ यानी तहज्जुद् की नमाज़, इसलिए हमें चाहिए की इसका एहतिमाम करें। और इसके लिए Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika को जानना बेहद जरूरी है।
हदीस में फरमाया गया है। रात की नमाज यानि तहज्जुद पढ़ा करो क्योंकि तुम से पहले पिछली उम्मातों के नेक लोग भी  तहज्जुद् पढते थे और ये नमाज तुम्हारे लिए अल्लाह से करीब होने का सबब है और गुनाहों का कफ्फरा करने वाली है और गुनाहों से रोकने वाली है।
तहज्जुद नमाज सुन्नत है। ये वो नफ़ल नमाज़ है जो तमाम नफ़ली नमाज़ो पर भारी है। नबी-ए-करीम (S.A.W) ने हमेशा इस वक्त का एहतिमाम फरमाया। जो लोग तहज्जुद् की नमाज़ पढ़ते है वो खुशनसीब होते हैं क्युंकि हर बंदे को तहज्जुद् की नमाज़ पढ़ने की तौफ़ीक़ नही होती है। कुछ लोग तो फ़र्ज़ नमाज़ अदा करते नही है तो नफल नमाज़ कहाँ से पढ़ेगें।

Tahajjud Padne Ki Fazilat

तहज्जुद नमाज़ को पढ़ने की बहुत सारी फाजिलतें हैं इसलिए Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika जाने से पहले इसके फ़ज़ीलत को जान लेना सही रहेगा। इसकी कुछ फ़ाज़िलते नीचे लिखा गया है।
तहज्जुद की नमाज जहन्नुम की आग से बचाती है।
तहज्जुद गुज़ार लोग सलामती के साथ जनत में दाखिल होंगे।
तहज्जुद कब्र की वहशत से बचाती है।
रात में जब सब सो रहे हो उस वक्त अल्लाह की इबादत करना निहायत ही मुफीद अमल है। ना मालुम कौन सा वक़्त क़बूलियात् का हो और हमारी दुआ सुन ली जाए।
रात की इबादत हमेशा नेक लोगो की मामूल रही है। तहज्जुद् पढ़ने से हम अल्लाह के करीब होतें है।
तहज्जुद् पढ़ने से बीमारी भी दूर होती है।

तहज्जुद की नमाज़ कितनी रकत होती है? 2022 Tahazzud Ki Nawaz Ka Tarika Hindi Mein 2022

Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika – तहज्जुद की नमाज़

अब Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika को समझ लेते हैं। तहज्जुद की नमाज का तरीका ये है की 2 रकात से लेकर 4 रकात, 6, 8 रकात या 12 रकात तक पढ़ सकते हैं ये रकात दो दो कर के ही पढ़ी जाएगी यानी हर दो रकात के बाद सलाम फेरना है। इसके बाद इसके स्टेप्स को नीचे बताया गया है।

रात जब आप सो कर उठे तो सबसे पहले वज़ू करें।
उसके बाद नमाज़ के लिए नियत करे जैसे हर नमाज़ मे नियत किया जाता है।
फिर जैसे सब नमाज़ अदा की जाती उसी तरह तहज्जुद् की नमाज़ पढ़े।
तहज्जुद की नमाज में पढ़ने वाली सुरह् कोई खास सुरह् नहीं है वो सारी सूरह है जो हम नमाज़ में पढ़ते हैं।
हमे चाहिए की इस नमाज़ की रकात मे लंबी लंबी सूरह पढे़।

Note:- तहज्जुद नमाज़ के हर रिकात में सूरह फातिहा के बाद तीन बार सूरह इखलास पढ़ सकते हैं इस तरह हर रिकात में कुरान पुरा पढ़ने का सवाब मिलेगा ऐसा करना भी बेहतर है। वैसे तहज्जुद में सूरह फातिहा के बाद कोई सी भी सुरह पढ़ सकते हैं जैसे की सब नमाज़ पढ़ी जाती है।








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