बिस्मिल्लाह शरीफ का अमल हिन्दी में Bismillah Sharif ka Amal Hindi mein 2022
बिस्मिल्लाह रहमान रहीम पढ़ने के फायदे
अस्सलाम वालेकुम मेरे इस्लामी भाइयों आज आपको एक ऐसी जानकारी बताने वाला हूं। बिस्मिल्लाह शरीफ का अमल क्या होता है। बिस्मिल्लाह रहमान रहीम पढ़ने के फायदे क्या होते हैं इसके बारे में आज आपको पूरी जानकारी विस्तार से बताने वाला हूं। बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम के 12 फायदे और अहमियतें के बारे में आपको पूरी जानकारी मिलेगी बिस्मिल्लाह शरीफ की क्या हकीकत होती है क्या फायदे होते हैं। आइए जानते हैं इस आर्टिकल में।
बिस्मिल्लाह के 12 फायदे और अहमियतें
बिस्मिल्लाह Bismillah एक ऐसा लफ्ज़ है जो हर मुसलमान के लिए एक पाक और मुक़द्दस लफ्ज़ की हयसियत रखता है । बिस्मिल्लाह का आसान और साफ़ मतलब “अल्लाह के नाम” है। अगर हम अपनी ज़िन्दगी में बिस्मिल्लाह को शामिल करें तो क्यूँ चलिए इसके बारे में जान लेते हैं।
1. हर काम बिस्मिल्लाह से शुरू होना चाहिए
मुस्लिमों के लिए, कुरान दुनिया में रहने की आखिरी गाइड बुक है। जब भी हम कुरान शरीफ खोलते हैं, तो उस पर लिखे पहले लफ्ज़ को देखें: बिस्मिल्लाह। जैसे कुरान की शुरुआत इस लफ्ज़ से हो रही है तो हमें अपनी ज़िन्दगी के कामों की शुरुआत भी इसी लफ्ज़ से करनी चाहिए।
2.कोई अहम् काम बिस्मिल्ला के बगैर ना मुकम्मल है।
कोई भी काम चाहे वह अहम् हो या न हो। बिस्मिल्ला के बिना मुकम्मल नहीं होगा। इसकी वजाहत खुद पैगंबर (SAW) ने की थी। एक हदीस के मुताबिक़। पैगंबर (SAW) ने कहा। कोई भी अहम् काम जो बिस्मिल्लाह से शुरू नहीं होता है वह ना मुकम्मल है।
3.अल्लाह SWT की नेअमतें हासिल करने के लिए
इस दुनिया में हमें कुछ ही दिन जीना है, इसीलिए हमें इस ज़िन्दगी को अल्लाह की खुशी और उसकी नेअमतों के हासिल करने लिए खर्च करना चाहिए। अल्लाह हकीक़त में खुश होगा जब उसके बन्दे जो कुछ भी कर रहे हैं उसमें उसका नाम पुकारेंगे। और बिस्मिल्लाह के साथ शुरू होने वाले हर अच्छे कामों में अल्लाह उनका साथ देगा।
4.इस लफ्ज़ में अल्लाह SWT के 3 नाम शामिल हैं
खूबसूरत मआनी के साथ अल्लाह के 99 नाम हैं। और उन 99 नामों में से 3 नाम बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम में हैं । 1. अल्लाह 2. रहमान 3. रहीम
जब कोई बिस्मिल्लाह पढता है तो वो अल्लाह के इन तीन नामों से पुकारता है।
5.अल्लाह के साथ ताल्लुक़ात को मजबूत करना
मुस्लिमों का अल्लाह SWT में एक मजबूत ईमान है। हम उसे देख नहीं सकते हैं, लेकिन हम हमेशा उसकी हाज़िरी को महसूस करते हैं। कि अल्लाह हमेशा हमारे पास है। लेकिन बिस्मिल्लाह कहना अल्लाह के साथ हमारे संबंधों को पहले से कहीं ज्यादा मज़बूत बना देता है। यह बहुत अहम् बात है क्योंकि जब हम अल्लाह SWT के करीब होते हैं, तो हमें शयतान और जहन्नम से भी दूर होते हैं।
6. बलंद दरजा हासिल करने के लिए
यह बताया गया है कि पैगंबर मुहम्मद (SAW) ने खुद कहा था कि बिस्मिल्लाह क़यामत के दिन एक मुस्लिम को भारी बना देगा। “… अल्लाह का इतना सम्मानजनक नाम है कि अगर इसे पैमाने के एक तरफ रखा जाये, और सारे गुनाहों को दूसरी तरफ रखा जाये, तो इस नाम का ही पलड़ा भारी होगा।
7. वुजू से पहले गुनाहों को धोना
अबू हुरैरा र.अ. फरमाते हैं कि, पैगंबर (SAW) ने फ़रमाया :
“जो बिस्मिल्लाह को वुज़ू से पहले नहीं कहता है, तो सिर्फ उन अंगों के ज़रिये किए गए पाप धोए जाएंगे जो वुधु में धोए जाते हैं,; और जो वुज़ू से पहले बिस्मिल्लाह कहते हैं, पूरे शरीर के पाप धुल जाएंगे।
8. शयतान के खिलाफ विरोध करना मुकाबला करना
जाबिर र.अ. से रिवायत है कि पैगंबर (SAW) ने फ़रमाया “अगर कोई आदमी घर में दाखिल होते वक़्त और खान खाते वक़्त अल्लाह को याद करता है, तो शैतान कहता है: रात ठहरने के लिए यहाँ कोई जगह नहीं और खाना भी नहीं। और अगर कोई आदमी घर में दाखिल होते वक़्त और खान खाते वक़्त अल्लाह को याद नहीं करता है तो शैतान कहता है: मुझे रात बिताने के लिए भी जगह मिली और खाने के लिए खाना भी ।
9. दाग को ठीक करने के लिए
जब भी हमारी त्वचा ( खाल ) फट जाती है और उसमें से खून बहता है, तो कई बार बिस्मिल्लाह कहो और उस पर फूंको । बिस्मिल्लाह से इंशा अल्लाह जादुई फायदा मिलेगा ।
10. अल्लाह की याद में
अल्लाह का नाम पुकारने का मतलब है कि हम हमेशा अपने हर काम में उसे याद करते हैं। जिसका फायदा ये होता है कि वह हम पर अपनी नेअमतें निछावर कर देगा, और हम जो कुछ भी करेंगे उस में हम कामयाब होंगे ।
11. अल्लाह की मुहब्बत साबित करने के लिए
अल्लाह ने वादा किया कि जब भी उसके बन्दे उसके नाम से पुकारेंगे, वह उन्हें जवाब ज़रूर देगा । इस तरह बिस्मिल्लाह पढना अल्लाह और बन्दे के दरमियान मुहब्बत की वजह बन गया ।
12. अल्लाह की महेरबानी की शिद्दत का इशारा
बिस्मिल्लाह में अल्लाह का एक नाम है ‘रहमान” जिसका मतलब है दयालु ( मेहरबान ) । जितना अधिक हम बिस्मिल्लाह कहते हैं, उतना ही अल्लाह हम पर महरबान होता है।
इसलिए इस्लाम में बिस्मिल्ला की अहमियत की लंबी लिस्ट को पढ़ने के बाद, हम बिस्मिल्लाह के बहुत गहरे मतलब को समझ गए हैं। अल्लाह को याद किए बिना हम जो कुछ भी करते हैं वह एक तरह की बर्बादी है, क्यूंकि अल्लाह हमारे साथ नहीं है। और,इसी वजह से इस काम में कामयाबी की कोई गारंटी भी नहीं है।
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