माता-पिता का सम्मान करें। Mata pita ka Samman karo 2022
जीवन में सफलता चाहते हो तो अपने माता-पिता का आदर करो माता पिता ने तुम्हारे पालन पोषण में कितने कष्ट सहे भूलकर भी कभी अपने माता-पिता का तिरस्कार नहीं करना है
हमें माता-पिता का सम्मान करना चाहिए
तुम्हारे लिए आदरणीय हैं उनका मान सम्मान करना तुम्हारा कर्तव्य है भारतीय संस्कृति में माता-पिता को देवता कहा गया है मातृ देवो भव पितृ देवो भव भगवान गणेश माता पिता की परिक्रमा करके ही प्रथम पूज्य हो गए श्रवण कुमार ने माता-पिता की सेवा में अपने कष्टों की जरा भी परवाह ना कि और अंत में सेवा करते हुए प्राण त्याग दिए देवव्रत भीष्म पिता की खुशी के लिए आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत का पालन किया और विश्व प्रसिद्ध हो गए एक पिता अपने छोटे से पुत्र को गोद में लिए बैठा था एक कौवा सामने छज्जे पर बैठा था उसने पूछा पापा यह क्या है पिता ने बताया है उसने पूछा यह क्या है पिता ने कहा पुत्र बार-बार यही पूछ रहा है क्या है इतने इतने से बार-बार कहता बेटा हुआ है हुआ है कि वर्षों के बाद पिता बूढ़ा हो गया 1 दिन पिता चटाई पर बैठा था घर में कोई उसके पुत्र से मिलने आया गीता ने पूछा कौन आया है उतने नाम बता दिया थोड़ी देर में कोई और आया तो पिता ने फिर पूछा आपको कुछ करना धरना तो है नहीं धीरे-धीरे एक बार एक ही बात को बार-बार तुम्हें बताता है माता-पिता ने तुम्हारे में कितनी रातें तुम्हारे लिए जन्म से लेकर अब तक और कितने कष्ट तुम्हारे लिए हैं तुम कल्पना भी नहीं कर सकते कितने-कितने कष्ट सहकर तुमको बड़ा किया है
माता-पिता का सम्मान करें
और तुमको माता-पिता को प्यार से दो शब्द कहने में घटना को पिता कहने में भी शर्म आती है अभी कुछ वर्ष पहले की बात है इलाहाबाद में रहकर एक किसान का बेटा वकालत की पढ़ाई कर रहा था बेटी को शुद्ध कीजिए बस तू मिले बेटा स्वस्थ रहें इसी लिए पिता की दाल चावल आदि सीधा समान खर्चे दे देते थे एक बार बेटा अपने दोस्तों के साथ चाय ब्रेड का नाश्ता कर रहा था इतने में वह किसान पहुंचा धोती फटी हुई थी चमड़े के जूते थे हाथ में डंडा कमर झुकी हुई थी उसने कहा गया है
माता पिता का आशीर्वाद करें
मेरी इज्जत ना चली जाए इतने में उसके मित्रों ने पूछा कौन है लड़के ने कहा यह मेरा नौकर है लड़के ने धीरे से कहा सुन लिया भाई लेकिन इसका नौकर नहीं हूं इसीलिए यह सामान उठा कर लाया हूं यह अंग्रेजी पढ़ाई का फल है कि अपने माता-पिता को मित्रों के सामने इतना कहने में भी शर्म आ रही है समझो रहा है ऐसी पढ़ाई और आडंबर की ऐसी की तैसी कर दो जो तुम्हें तुम्हारी संस्कृति से दूर ले जा रही है तो आता ही होता है चाहे किसी भी हालत में हो रात को कष्ट देने वाले व्यक्ति को भी पता था पिता श्री और तुम्हारे लिए पालन पोषण करने वाले पिता को बताने में तुम्हें शर्म नहीं आती माता-पिता व गुरुजनों की सेवा करने वाला और उनका आदर काटने वाला स्वयं आदरणीय बन जाता है जो बच्चे अपने माता-पिता का आदर व सम्मान नहीं करते हैं मैं जीवन में अपनों को कभी भी प्राप्त नहीं कर सकते हैं धन्यवाद
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