जीवन का अंतिम सत्य क्या है? jivan ka antim Satya kya hai 2022

हेलो दोस्तों नमस्कार मैं आपको बताने वाला हूं जीवन का अंतिम सत्य का क्या मतलब होता है आइए जानते हैं इस पोस्ट में या इस आर्टिकल में इसे जरूर पूरा पढ़ें जीवन का अंतिम सत्य का क्या मतलब होता है इसका मतलब नीचे दिया गया है जरूर पढ़ें।

जीवन का परम सत्य क्या है

लो जीवन  और सब कुछ जानना चाहते हैं, बस एक बात से बचते हैं कि कहीं यह पलोग और सब कुछ जानना चाहते हैं, बस एक बात से बचते हैं कि कहीं यह पता ना लग जाए कि...जीवन का अंतिम सत्य है - मृत्यु

बस्ती से दूर मरघट और कब्रिस्तान बनाए जाते हैं। हम वहां मजबूरी में जाते हैं, और जल्दी से वापस लौट आते हैं। मृत्यु को सब भांति छिपाने की कोशिश की जाती है।

सड़क से किसी की अर्थी निकलती हो तो माताएं अपने बच्चों को भीतर बुला लेते हैं।

पश्चिम में लाश को सजाने वालों का धंधा बड़े महंगे व्यवसाय में से एक हो गया है। मुर्दे का इतना सिंगार किया जाता है कि वह जीवित से भी ज्यादा सुंदर लगने लगे। मौत को छुपाने का प्रयास है यह।

लेकिन सत्य कहीं छुपाया जा सकता है? और छुपाने से लाभ क्या होगा?

बेहतर तो यही है कि हम उसे ठीक से जान लें। पहचान बना लें। तभी हमारा जीवन संवर सकता है, निखर सकता है।

जीवन का अंतिम सत्य क्या है

जो अंतिम सत्य है, वह प्रथम सत्य भी रहा होगा। शायद हम देख नहीं पाए होंगे। जब हम किसी का 25 वां जन्मदिन मनाते हैं तो हम कहते हैं इसमें 25 साल जीवन जी लिया। हमें कहना चाहिए यह व्यक्ति 25 साल मर चुका है। मौत 25 साल करीब आ गई। वास्तव में जन्म दिवस नहीं बल्कि मृत्यु दिवस मनाना चाहिए। प्रत्येक वर्ष वह मृत्यु के और निकट पहुंचता जा रहा है। जिंदगी भर उसने और किया ही क्या है सिवाय एक काम के—रोज-रोज मृत्यु के नजदीक पहुंचने की यात्रा की है।

इतनी गंभीर बात के पश्चात अब एक लतीफा जरूरी है। 2022

लंबे समय से मुल्ला नसरुद्दीन की बीवी उसके पीछे पड़ी थी: मोहल्ले के सारे लोग अपनी पत्नियों को कहां-कहां घुमाने ले जाते हैं। तुम मुझे कब ले जाओगे? बताओ कहां ले जाओगे?

नसरुद्दीन ने गुस्से में झल्लाकर कहा: चल, अभी चल। बैठ कार में।

बेगम गुलजान ने फटाफट कपड़े बदले, श्रृंगार किया और कार में आ बैठी। मुल्ला ने तेज गति से ड्राइविंग की और 15 मिनट बाद जाकर एक जगह गाड़ी रोक कर बोला: जाओ, जल्दी से घूम के लौट आना।

गुलजान ने उस स्थान पर लगा बोर्ड पढ़ा और घबरा कर बोली: बड़े मियां, यहां कहां मुझे ले आए… यह तो कब्रिस्तान है!

नसरुद्दीन में शांति पूर्वक मुस्कुराते हुए जवाब दिया: बेगम, ये तो वो जगह है जहां आने के लिए लोग मरते हैं।


दोस्तों आप से उम्मीद करता हूं आपको यह पोस्ट अच्छी लगी होगी ज्यादा से ज्यादा शेयर करें धन्यवाद


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