गमले में आलू कैसे लगाएं gamle mein aalu kaise ugaye आलू का पौधा कैसे लगाएं 2022
आलू को उगाने के लिए हमेशा सर्टिफाइड बीजों का ही इस्तेमाल करें ताकि आलू में लगने वाली बीमारियां और वायरस को रोका जा सके।
यदि आप मार्केट से खरीदे गए आलू ओं का इस्तेमाल करते हैं। आलू में बीमारी या कोई और रोग लगने का खतरा भी उत्पन्न हो जाता है। आप आलू के फल से भी बीजों को तैयार कर सकते हैं कई प्रकार के आलू में जमीन के ऊपर हरे रंग के फल लगते हैं। जिसमें आलू के बीज उपलब्ध होते हैं। उस फल को बारीक काटें और उनके टुकड़ों को पानी के बर्तन में रखें लगभग 1 दिन बाद वह बीज फल से अलग हो जाएंगे।
आलूओं को अंकुरित करें।
एक चाकू का इस्तेमाल करके आप आलू को चार भागों में काट लें। आलू काटते समय इस बात का ध्यान रखें कि प्रत्येक टुकड़े में 3 से ज्यादा छोटे गड्ढे नहीं होने चाहिए।
अब इन आलू को कुछ दिन धूप में रहने दे जब तक कि उन छोटे गड्ढों में अंकुर नहीं निकलते। आलू को अंकुरित करने के लिए उन्हें पानी में भिगोने की आवश्यकता बिल्कुल नहीं है। क्योंकि आलू को भिगोने से उनके सड़ने की आशंका रहती है।
जब आलू के अंकुरण का आकार बढ़ जाए तब आप इसे बो सकते हैं। ध्यान रहे कि आलू ऊपर से 2-3 अंकुरित लगे होने चाहिए अन्य को आप हटा सकते हैं।
मिट्टी तैयार करें
आप आलूओं को जमीन में भी लगा सकते हैं यहां फिर किसी बड़े गमले या ग्रो बैग में भी आलू को लगा सकते हैं।
वैसे अब विशेष रूप से आलू के लिए डिज़ाइन किए गए ग्रो बैग भी आ गए हैं जिन्हें आप ट्राई कर सकते हैं ।
आलू को लगाने से पहले आप अपने गमले की मिट्टी में थोड़ी सी खाद जरूर मिलाएं। आप गमले की मिट्टी में थोड़ा सा कंपोस्ट या खाद डालकर अपनी मिट्टी को उपजाऊ बना सकते हैं।
मिट्टी को अच्छी तरह से खोदकर उसे थोड़ा ढीला कर ले। आलू किसी शख्त या फिर compact मिट्टी में नही उग सकते। आलू को उगाने के लिए प्रत्येक वर्ष अलग-अलग हिस्से/स्थान का चुनाव करें। ताकि मिट्टी को कुछ समय के लिए आराम मिल सके और वह नाइट्रोजन की आपूर्ति को पूरा कर सकें।
आलू को उगाने के लिए हमेशा पानी और ठंडक वाले स्थान और स्थिति की आवश्यकता होती है।
आलू लगाने की विधि
जब मिट्टी पूरी तरह से तैयार हो जाए तो आप आलुओं के टुकड़ों को मिट्टी के अंदर 4 इंच की गहराई पर लगाएं। प्रत्येक आलू के टुकड़े को 12 इंच की दूरी पर लगाएं। ताकि जमीन के नीचे उगते समय वह आलू एक दूसरे से न टकराए।
जब आलू की पंक्तियां मिट्टी के ऊपर दिखाई देने लगे तो आप पौधों के चारों तरफ थोड़ी मिट्टी डालते रहें ताकि आलू दिखाई ना दे। ऐसा ना करने पर आलू हरे रंग के हो सकते हैं जो कि विषैले हो जाते हैं। जब पौधों में फूल निकलना शुरू हो जाए तो आप उनको लिक्विड फीड भी दे सकते हैं।
पौधे की देखभाल कैसे करें?
अगर पौधे की देखभाल ठीक तरह से की जाए तो आपको आलूओं अच्छी उपज और स्वस्थ आलू मिलेंगे। यदि आलू के पौधों की पत्तियों में छोटे छेद हो रहे हो या फिर वह पत्तियां पीली पड़ रही हैं तो पौधों में कीट लगने की संभावना होती है। इसके लिए आप अपने आलू के पौधों पर पेस्टिसाइड का इस्तेमाल कर सकते हैं। आलू के पौधों में पानी की मात्रा हमेशा कम ही रखें। आलू ढीली मिट्टी या फिर ऐसी मिट्टी में अधिक उपज जीते हैं जिसमें से पानी ठीक तरह से बह जाए। गर्मी के समय में आप हफ्ते में एक बार अच्छी तरह पानी डाल सकते हैं। अधिक पानी का इस्तेमाल करने से आलू काले हो जाते हैं। अब आप अपने आलू को निकाल कर इकट्ठा कर सकते हैं आलू लगभग 7-8 हफ्ते में तैयार हो जाते हैं।
ध्यान रखने योग्य बातें
आलू को उगाने के लिए आप साल में दो बार फसल तैयार कर सकते हैं। आलूओं के हरे हिस्से या फिर हरे आलूओं को ना खाएं क्योंकि ऐसे आलू विषैले होते हैं पत्थर वाली जमीन में आलू के पौधों को ना उगांए। यदि संभव हो तो सभी पत्थरों को हटा दीजिए। आलू को निकालते समय आप कुछ आलू जमीन में छोड़ सकते हैं ताकि वहां फिर से नए पौधे उग सकें। लेकिन हर बार एक ही जगह पर आलू के पौधों को नहीं उगाना चाहिए।
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