रस्ते में नमाज़ कैसे पढ़ते हैं हिन्दी में तरीके। Raste mein namaz kaise padhte hain hindi mein tarike ।


अस्सलाम वालेकुम मेरे इस्लामी भाइयों मैं आज आपको बताने वाला हूं । रास्ते की नमाज़ के तरीके मेरे इस्लामी भाइयों आप भी रास्ते में नमाज पढ़ना चाहते हैं। 


निचे हमने  रास्ते  की नमाज़ का तरीका बताया है। कोशिश की है आसान लफ्ज़ो में बताने की ! फिर भी टाइपिंग वगैरह में गलती हो जाए तो माफ करे ।


रास्ते में नमाज़ के तरीके ।

रस्ते में नमाज़ कैसे पढ़ते हैं हिन्दी में तरीके। Raste mein namaz kaise padhte hain hindi mein tarike ।


रास्ते की नमाज़ के तरीके में बताने जा रहा हूं जरूर पूरा पढ़ें और समझें इस आर्टिकल में नवाज के तरीके और रास्ते में नवाज हो सकती है या नहीं इसके बारे में मैं बताने वाला हूं रास्ते में नमाज़ हो जाती है। आप कहीं का सफर तय कर रहे हैं तो आपकी नमाज़ हो जाएगी ।


रास्ते की नमाज़ में क्या होता है।


मेरे इस्लामी भाइयों रास्ते में नमाज़ पढ़ने के लिए क्या करना चाहिए आपके पास एक कपड़ा होना चाहिए और उसे बिछाकर आप नमाज पढ़ सकते हैं आप कहीं का सफर तय कर रहे हैं तो आपको अजान की आवाज आ जाती है तो आप नमाज़ कहीं भी अदा कर सकते हैं आप सोचते हैं हम नमाज़ अदा कर सकते हैं या नहीं मेरे इस्लामी भाइयों आज आपको बताने वाला हूं रास्ते में रास्ते में नियत कैसे बनते हैं।


रास्ते में नियत कैसे बनते हैं


मेरे इस्लामी भाइयों आप रास्ते में नियत कर सकते हैं रास्ते में नमाज भी पढ़ सकते हैं आपके साथ कपड़ा होना चाहिए और नहीं है तो आप फिर भी नमाज पढ़ सकते हैं आगे कोई चीज रख लीजिए आपकी नियत नहीं टूटेगी और आपके सामने से कोई भी गुजर जाएगा तो आपक नवाज मुकम्मल हो जाएगी।




रास्ते में नवाज पढ़ने के तरीके।

रस्ते में नमाज़ कैसे पढ़ते हैं हिन्दी में तरीके। Raste mein namaz kaise padhte hain hindi mein tarike ।


नमाज़ का तरीका (Namaz Ka Tarika) हर मोमिन मर्द औरत पर सीखना फ़र्ज़ हैं और इस्लाम में पांच फर्ज़ो में से एक फ़र्ज़ नमाज़ हैं इस लिए नमाज़ का तरीका (Namaz Padhne ka Tarika) सीखना जरुरी हैं


हुजूर सल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया की नमाज़ (Namaz) मेरी आँखों की ठंडक है


दुनिया में हर मुसलमान मर्द औरत पर कुरान में नमाज़ फ़र्ज़ की गयी है, नमाज़ को जो भी मुसलमान नहीं पढता है वो अल्लाह की नजर में सबसे निचे है। इसलिए सभी को 5 वक़्त की नमाज़ अदा करनी चाहिए। लेकिन बहुत से लोगों को नमाज़ पढ़ने का तरीका नहीं पता है इस पोस्ट में आपको नमाज़ का तरीका बताऊंगा वो भी हिंदी में।


रास्ते की नमाज़ क्या है।

नमाज़ शब्द “सलात” (Salah) का उर्दू प्रयाय है और “सलात” अरबी शब्द है कुरान शरीफ में बार बार इस शब्द का इस्तेमाल हुआ है। नमाज़ हर वो आदमी जिसने कलमा पढ़ा है और उसकी उम्र 7 साल से ज्यादा है उसपर पर फ़र्ज़ है। अगर कोई भी मुसलमान नमाज़ को दुनिया के कामों के लिए छोड़ता है तो वो अल्लाह की नजर में गुनेहगार है।


सभी मुसलमान मर्द औरत पर 5 वक़्त (टाइम) की नमाज़ फ़र्ज़ की गयी है जो की इस प्रकार है ।

फज़र (Fajr) :- यह नमाज़ सुबह (Morning) सूरज निकलने से पहले पढ़ी जाती है।

दुहर (Duhur) :- यह दोपहर (Afternoon) को अदा की जाती है।

असर (Asr) :- यह दोपहर (Afternoon) के बाद पढ़ी जाती है।

मगरिब (Maghrib) :- यह शाम (Evening) को सूरज के डूबने के वक़्त पढ़ी जाती है

ईशा (Isha) :- यह देर रात्रि (Night) को सोने से पहले पढ़ी जाती है।

इन 5 नमाज़ो के लिए हर देश में अपने अपने Time Zone में Namaz Time निर्धारित किये गए है।

 रास्ते की नमाज़ के तरीका हिन्ही में ।

रस्ते में नमाज़ कैसे पढ़ते हैं हिन्दी में तरीके। Raste mein namaz kaise padhte hain hindi mein tarike ।


Namaz Padhne ka Tarika बहुत आसान है। नमाज़ या तो 2 रक’आत की होती है, या 3, या 4 रक’आत की। एक रक’आत में एक क़याम, एक रुकू और दो सजदे होते है। Namaj Padhne ka Tarika कुछ इस तरह है ।


नमाज़ के लिए क़िबला रुख होकर नमाज़ के इरादे के साथ अल्लाहु अकबर कह कर (तकबीर ) हाथ बांध लीजिए।

हाथ बाँधने के बाद सना पढ़िए। आपको जो भी सना आता हो वो सना आप पढ़ सकते है।

सना के मशहूर अल्फाज़ इस तरह है “सुबहानका अल्लाहुम्मा व बिहम्दीका व तबारका इस्मुका व त’आला जद्दुका वाला इलाहा गैरुका”

इसके बाद त’अव्वुज पढ़े। त’अव्वुज के अल्फाज़ यह है “अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम. बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम।”

इसके बाद सुरह फातिहा पढ़े।

सुरह फ़ातिहा के बाद कोई एक सूरा और पढ़े।

इसके बाद अल्लाहु अकबर (तकबीर) कह कर रुकू में जायें।

रुकू में जाने के बाद अल्लाह की तस्बीह बयान करे। आप जो अल्फाज़ में चाहे अल्लाह की तस्बीह बयान कर सकते हैं। तस्बीह के मशहूर अल्फाज़ यह है, “सुबहान रब्बी अल अज़ीम”

इसके बाद ‘समीअल्लाहु लिमन हमीदा’ कहते हुवे रुकू से खड़े हो जाये।

खड़े होने के बाद ‘रब्बना व लकल हम्द , हम्दन कसीरन मुबारकन फिही’ जरुर कहें।

इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाए।

सज्दे में फिर से अल्लाह की तस्बीह बयान करे। आप जो अल्फाज़ में चाहे अल्लाह की तस्बीह बयान कर सकते हैं। तस्बीह के मशहूर अल्फाज़ यह है “सुबहान रब्बी अल आला”

इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठकर बैठे।

फिर दोबारा अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाए।

सज्दे में फिर से अल्लाह की तस्बीह करे। आप जो अल्फाज़ में चाहे अल्लाह की तस्बीह बयान कर सकते हैं। या फिर वही कहें जो आम तौर पर सभी कहते हें, ‘सुबहान रब्बी अल आला’

तशहुद में बैठ कर सबसे पहले अत्तहिय्यात पढ़िए।

इसके बाद दरुदे इब्राहीम पढ़े।

इसके बाद दुआ ए मसुरा पढ़े। मतलब कोई भी ऐसी दुआ जो कुर’आनी सुरों से हट कर हो। वो दुआ कुर’आन में से ना हो। साफ साफ अल्फाज़ में आपको अपने लिए जो चाहिए वो मांग लीजिये। दुआ के अल्फाज़ मगर अरबी ही होने चाहिए।

इस तरह से दो रक’अत नमाज़ पढ़ कर आप सलाम फेर सकते हैं। ‘अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह’ कहकर आप सीधे और उलटे जानिब सलाम फेरें।

Namaz ki Niyat ka Tarika

Namaj ka Tarika सीखना हर मुसलमान पर फ़र्ज़ है. नमाज़ पढ़ने के लिए नियत सबसे अव्वल चीज है जो मुकम्मल होनी चाहिए। नमाज़ में सबसे पहले नियत की जाती है उसके बाद सना पढ़ी जाती है फिर सुर : फातिहा कोई आयत और फिर रुकू में चले जाते हैं। नियत बहुत ही आसान है क्योंकि यह सभी नमाज़ में एक जैसी होती है कुछ जयादा अंतर नहीं होता है।


इसके लिए इस वेबसाइट www.hindistate.com पर click अगर दोस्तों आपको रास्ते में नमाज पढ़ने का तरीका की फजीलत की Information अच्छा लगा हो तो इसे अपने मुसलमान भाई और बहनो को शेयर जरूर करें अल्लाह हर मुसलमान की हफ़ाज़त फरमाए आमीन।


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