113. सूरह अल-फलक़।113. Surah Al-Falaq
सूरह फलक के संक्षिप्त विषय
यह सूरह मक्की है, इस में 5 आयतें हैं।
- इस की प्रथम आयत में ((फ़लक़ )) शब्द आने के कारण, जिस का अर्थ भोर है, इस का यह नाम रखा गया है।
- सूरह “फलक” और सूरह “नास” को मिला कर “मुअव्वजतैन” कहा जाता है।
जब यह दोनों सूरतें उतरी तो नबी सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम ने फरमायाः आज की रात्री में मुझ पर कुछ ऐसी आयतें उतरी हैं जिन के समान मैं ने कभी नहीं देखी। (मुस्लिमः 814) - इसी प्रकार इब्ने आबिस जहनी (रजियल्लाह अन्ह) से आप ने फरमाया कि: मैं तुम्हें उत्तम यंत्र न बताऊँ जिस के द्वारा शरण (पनाह) मांगी जाती है। और आप ने यह दोनों सूरतें बतायीं, और कहा कि यह “मुअव्वज़तैन” अर्थात शरण मांगने के लिये दो सूरतें हैं। (देखियेः सहीह नसई: 5020)
- जब नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पर जादू किया गया जिस का प्रभाव यह हुआ कि आप घुलते जा रहे थे, किसी काम को सोचते कि कर लिया है, और किया नहीं होता था, किसी वस्तु को देखा है जब कि देखा नहीं होता था। परन्तु जादू का यह प्रभाव आप के व्यक्तिगत जीवन तक ही सीमित था। एक दिन नबी (सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम) अपनी पत्नी “आइशा” (रजियल्लाह अन्हा) के पास थे कि सो गये, और जागे तो उन को बताया की दो व्यक्ति (फरिश्ते) मेरे पास आये, एक सिराहने की ओर था. और दसरा पैताने की ओर एक ने पूछाः इन्हें क्या हुआ है। दूसरे ने उत्तर दियाः इन पर जादू हआ है| उस ने पछाः किस ने किया है। उत्तर दियाः “लबीद बिन आसम” ने पूछा: किस वस्तु में किया है। उत्तर दियाः कंघी, बाल और नर खजूर के खोशे में। पूछाः वह कहाँ है। उत्तर दियाः बनी रैक के कुवें की तह में पत्थर के नीचे है। इस के बाद आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने अली, अम्मार और जुबैर (रजियल्लाहु अन्हुम) को भेजा, फिर आप भी वहाँ आ गये, पानी निकाला गया, फिर जादू जिस में कंघी के दाँतों और बालों के साथ एक ताँत में ग्यारह गाँठ लगी हुई थीं। और मोम का एक पुतला था जिस में सुईयाँ चुभोई हुई थीं। आदर्णीय जिबील (अलैहिस्सलाम) ने आ कर बताया किः आप “मुअव्वज़तैन” पढ़ें। और जैसे जैसे आप पढ़ते जा रहे थे उसी के साथ एक एक गाँठ खुलती और पुतले से एक एक सुई निकलती जा रही थी, और अन्त के साथ ही आप जादू से इस प्रकार निकल गये जैसे कोई बंधा हुआ खुल जाता है।
- इस की आयत 1 में यह शिक्षा दी गई है कि शरण उस से मांगो जिस के पालनहार होने की निशानी तुम रात दिन देख रहे हो।
- आयत 2 से 5 तक में यह बताया गया है कि किन चीज़ों की बुराई से शरण मांगनी चाहिये।
- हदीस में है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कहा कि इस रात मुझ पर कुछ ऐसी आयतें अवतरित हुई हैं जिन के समान आयतें कभी नहीं देखी गईं। वह यह सूरह, और इस के पश्चात् की सूरह है। (सहीह मुस्लिमः 814)
अस्सलाम वालेकुम मेरे इस्लामी भाइयों हमारी वेबसाइट पर आने के लिए धन्यवाद दुआ अच्छी लगी हो तो भाई ज्यादा से ज्यादा शेयर करें कमेंट करें दूसरे तक पहुंचाएं अल्लाह हाफिज
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